विराट रामायण मंदिर होगा दुनिया के सबसे बड़े और खूबसूरत मंदिरों में से एक
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में विराट रामायण मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। इस मंदिर को विश्व के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में गिना जाएगा। इसे चकिया-केसरिया मार्ग पर कैथवलिया के पास बनाया जा रहा है। यह भव्य मंदिर आकार में 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। इसमें 12 शिखर होंगे, जिनमें से मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट होगी।
मंदिर का निर्माण कार्य दिन-रात तीन शिफ्टों में चल रहा है। इसके पहले मंजिल के निर्माण के लिए 24 घंटे मजदूर काम कर रहे हैं। निर्माण कार्य की गति और समर्पण को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि 2027 तक मंदिर पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
मंदिर की मुख्य विशेषताएं
विराट रामायण मंदिर में भगवान भोलेनाथ का एक विशाल शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। यह शिवलिंग 33 फीट ऊंचा और 33 फीट चौड़ा होगा। इसके साथ ही मंदिर परिसर में सहस्त्रलिंगम भी बनाया जाएगा, जिसमें 1008 छोटे-छोटे शिवलिंग शामिल होंगे। यह विशाल शिवलिंग तमिलनाडु के महाबलीपुरम में तैयार किया जा रहा है, और इसे मंदिर तक लाने के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।
शिवलिंग को मंदिर परिसर तक पहुंचाने के लिए चकिया से कैथवलिया तक 12 किलोमीटर लंबी मजबूत सड़क की आवश्यकता है। इस सड़क के निर्माण के लिए जिला प्रशासन और बिहार सरकार से बातचीत की गई है। शिवलिंग को लाने वाली गाड़ी की गति काफी धीमी होगी, जो प्रतिदिन केवल 45 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इसे मंदिर में स्थापित करने के लिए गुजरात से विशेष क्रेन मंगाई जाएगी।
मंदिर का स्वरूप
मंदिर के निर्माण में प्राचीन और आधुनिक वास्तुकला का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलेगा। इसके मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट होगी, जो इसे दूर से ही पहचानने योग्य बनाएगी। मंदिर में रामायण से जुड़े विभिन्न प्रसंगों और भगवान राम, सीता, लक्ष्मण तथा अन्य पात्रों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।
रामनवमी पर भक्तों के लिए खुलेगा मंदिर
विराट रामायण मंदिर न्यास के सचिव और अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल के अनुसार, 2027 में रामनवमी के दिन मंदिर को भक्तों के दर्शन के लिए खोलने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिन भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके साथ ही मंदिर का तीन मंजिला भवन भी पूरी तरह तैयार होगा।
इस मंदिर के निर्माण से केवल धार्मिक महत्व ही नहीं जुड़ेगा, बल्कि यह क्षेत्रीय पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। यहां आने वाले भक्तों और पर्यटकों के लिए मंदिर परिसर में विभिन्न सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी।
भविष्य की योजनाएं
मंदिर निर्माण कार्य को समय पर पूरा करने के लिए देशभर के विभिन्न क्षेत्रों से विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है। निर्माण कार्य की निगरानी गुजरात की प्रतिष्ठित कंपनी त्रिवेदी कार्प कर रही है। कंपनी के सीएमडी और उनकी टीम ने हाल ही में मंदिर स्थल का दौरा किया और आवश्यक तैयारियों की समीक्षा की।
विराट रामायण मंदिर के निर्माण के साथ, बिहार धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के एक नए केंद्र के रूप में उभरेगा। यह मंदिर न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा।