पीरियड्स के दौरान महिलाएं पूजा कर सकती हैं? जानें क्या कहती हैं पूजा या धार्मिक अनुष्ठान से जुड़ी कुछ मान्यताएं ?
पीरियड्स के दौरान महिलाएं पूजा कर सकती हैं या नहीं, यह सवाल अक्सर उठता है। हिंदू धर्म में पीरियड्स के दौरान पूजा या धार्मिक अनुष्ठान से जुड़ी कुछ मान्यताएं हैं, जिन्हें हम आजकल के दृष्टिकोण से समझ सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि पीरियड्स के दौरान पूजा करने को लेकर क्या धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण है, और क्या नियम होते हैं जिन्हें महिलाओं को ध्यान में रखना चाहिए।
पीरियड्स के दौरान पूजा करने की मनाही क्यों है?
धार्मिक दृष्टिकोण के अनुसार, हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में अधिक ऊर्जा का प्रवाह होता है। कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस ऊर्जा का प्रभाव भगवान तक पहुंच सकता है, जिससे पूजा का परिणाम प्रभावित हो सकता है। उदाहरण के लिए, यह कहा जाता है कि यदि महिलाएं पीरियड्स के दौरान तुलसी में जल डालती हैं, तो तुलसी का पौधा सूख सकता है। इसके पीछे यह विश्वास है कि इस दौरान महिलाओं की शारीरिक ऊर्जा इतनी प्रबल होती है कि वह भगवान के साथ तालमेल नहीं बैठा पाती। इसलिए पीरियड्स के दौरान पूजा-पाठ करना या मंदिर जाना वर्जित माना जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानता है कि पीरियड्स के दौरान शरीर में होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलावों के कारण महिलाओं को लंबे समय तक पूजा और अनुष्ठान करने में कठिनाई हो सकती है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अधिक आराम की आवश्यकता होती है और लंबी पूजा की प्रक्रियाओं में बैठने पर उन्हें परेशानी हो सकती है। इसलिए प्राचीन काल में यह नियम बनाए गए थे कि इस समय महिलाओं को पूजा-पाठ से दूर रखा जाए।
क्या करें अगर व्रत या पूजा के दौरान पीरियड्स आ जाएं?
1. अगर किसी पूजा या व्रत के दौरान पीरियड्स आ जाएं, तो उसे अधूरा न छोड़ें। आप किसी और से पूजा करवा सकती हैं या परिवार के किसी सदस्य से पूजा करा सकती हैं। इससे व्रत का पूरा फल मिलेगा।
2. यदि आप खुद पूजा करना चाहती हैं, तो पीरियड्स के दौरान मानसिक रूप से मंत्रों का जाप कर सकती हैं और अनुष्ठान कर सकती हैं।
3. पूजा की सामग्री को छूने से बचें और मंदिर में प्रवेश न करें।
4. व्रत के दौरान यदि पीरियड्स आ जाएं, तो किसी दूसरे से पूजा संपन्न करवा सकती हैं और फलाहार करा सकती हैं।
5. यदि कोई ज्योतिष उपाय या जाप चल रहा है, तो उसे बीच में न रोके और उसे निरंतर जारी रखें।
पीरियड्स के दौरान पूजा के कुछ और नियम:
– पीरियड्स के दौरान पीपल, तुलसी जैसे पवित्र पौधों में जल डालना नहीं चाहिए।
– आप पांचवें दिन पूजा कर सकती हैं, बशर्ते आपने बाल धो लिए हों। अगर पीरियड्स सात दिनों तक चलें, तो भी पांचवे दिन पूजा कर सकती हैं।
इस तरह, पीरियड्स के दौरान पूजा-पाठ के बारे में समाज में फैल रहे मिथकों को दूर करना जरूरी है। महिलाओं को पूजा करने से रोकने के बजाय, उन्हें सही तरीके से मार्गदर्शन देने की आवश्यकता है, ताकि वे अपने धार्मिक कर्तव्यों को बिना किसी तनाव के निभा सकें।