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वैवाहिक जीवन में आ रही हैं अड़चनें, जानें panditjee.com के विशेषज्ञों का समाधान

क्या आप अपने वैवाहिक जीवन में खुश हैं या फिर आ रही हैं अड़चनें, अगर कुछ भी ऐसा है तो panditjee.com लेकर आए हैं आपके सवालों के समाधान।

सवाल: मेरे वैवाहिक जीवन में लगातार समस्याएं आ रही हैं। क्या इसका कारण मेरी कुंडली में ग्रह दोष हो सकता है?

ज्योतिष विशेषज्ञ: हां, कुंडली में सप्तम भाव और उसके स्वामी की स्थिति वैवाहिक जीवन को प्रभावित करती है। यदि सप्तम भाव पर शनि, राहु, या मंगल का अशुभ प्रभाव है, तो यह समस्याओं का कारण बन सकता है। नियमित रूप से शांति के उपाय करें और गुरु या शुक्र को मजबूत करने के लिए उपाय अपनाएं।

सवाल: क्या कुंडली मिलान से वैवाहिक जीवन में समस्याएं टाली जा सकती हैं?

ज्योतिष विशेषज्ञ: कुंडली मिलान वैवाहिक जीवन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि मिलान के दौरान गुण, ग्रह स्थिति और दोषों की पहचान कर समाधान किया जाए, तो समस्याओं को कम किया जा सकता है। विशेष रूप से मांगलिक दोष, नाड़ी दोष और अन्य ग्रह दोष का ध्यान रखें।

सवाल: मेरी शादी में देरी हो रही है। क्या इसका ज्योतिषीय कारण हो सकता है?

ज्योतिष विशेषज्ञ: शादी में देरी का कारण सप्तम भाव और शुक्र ग्रह की कमजोर स्थिति हो सकती है। यदि शनि सप्तम भाव पर दृष्टि डाल रहा है या गुरु कमजोर है, तो विवाह में देरी होती है। शुक्र और गुरु को मजबूत करने के लिए पूजा और उपाय करें।

सवाल: पति-पत्नी के बीच बढ़ते विवाद को कम करने के लिए क्या उपाय हैं?

ज्योतिष विशेषज्ञ: पति-पत्नी के संबंधों को सुधारने के लिए ग्रहों की शांति करें। शुक्र और चंद्रमा को मजबूत करने के लिए सफेद चीजों का दान करें और हर शुक्रवार को दुर्गा माता की पूजा करें। साथ ही, एक-दूसरे के लिए सकारात्मक सोच और सामंजस्य बनाना जरूरी है।

सवाल: क्या रत्न पहनने से वैवाहिक जीवन में सुधार हो सकता है?

ज्योतिष विशेषज्ञ: हां, सही रत्न पहनने से वैवाहिक जीवन में सुधार हो सकता है। शुक्र के लिए हीरा या ओपल और चंद्रमा के लिए मोती पहनना लाभदायक हो सकता है। लेकिन रत्न धारण करने से पहले कुंडली का सही विश्लेषण करवाना आवश्यक है।

सवाल: शादी के बाद भी मेरे जीवनसाथी से भावनात्मक दूरी क्यों बनी हुई है?

ज्योतिष विशेषज्ञ: इसका कारण चंद्रमा, शुक्र और सप्तम भाव में ग्रहों की स्थिति हो सकती है। यदि चंद्रमा कमजोर है या सप्तम भाव पर राहु का प्रभाव है, तो यह भावनात्मक दूरी का कारण बनता है। चंद्रमा और शुक्र को संतुलित करने के लिए मंत्र जाप और उपाय करें।

सवाल: क्या कुंडली देखकर दूसरी शादी की संभावना का पता लगाया जा सकता है?

ज्योतिष विशेषज्ञ: हां, कुंडली के सप्तम और आठवें भाव के साथ-साथ नवम भाव की स्थिति से दूसरी शादी की संभावना का पता लगाया जा सकता है। यदि सप्तम भाव में मंगल या राहु का प्रभाव है, तो यह संकेत देता है। कुंडली का गहराई से अध्ययन जरूरी है।

सवाल: शादीशुदा जीवन को खुशहाल बनाने के लिए कौन से मंत्र या उपाय किए जा सकते हैं?

ज्योतिष विशेषज्ञ: वैवाहिक जीवन में सुख और शांति के लिए शिव-पार्वती की पूजा करें और “ओम नमः शिवाय” मंत्र का नियमित जाप करें। हर शुक्रवार को व्रत रखें और दंपत्ति एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ करें।

सवाल: मेरा जीवनसाथी मुझसे बात करने में रुचि नहीं रखता, क्या इसका कोई ज्योतिषीय कारण है?

ज्योतिष विशेषज्ञ: यदि चंद्रमा कमजोर है या राहु और केतु का प्रभाव है, तो संवाद में कमी हो सकती है। एक दूसरे को समझने और सम्मान देने के साथ ही चंद्रमा के मंत्र का जाप करें और सफेद वस्त्र धारण करें।

सवाल: क्या ग्रहों की दशा बदलने से वैवाहिक जीवन में सुधार हो सकता है?

ज्योतिष विशेषज्ञ: हां, ग्रहों की दशा बदलने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। यदि दशा अनुकूल न हो, तो पूजा, दान और रत्न धारण जैसे उपाय किए जा सकते हैं। सप्तम भाव के स्वामी के उपाय करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। क्लि इंडिया मीडिया यहां लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में जो जानकारी दी गई है, वो विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से ली गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। क्लिक इंडिया मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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Author: Panditjee

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