रामचरितमानस की ये चौपाइयां बदल देंगी आपकी जिंदगी
रामचरितमानस की ये चौपाइयां न सिर्फ हमें जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं, बल्कि हमारे भीतर अच्छाई और भक्ति का संचार भी करती हैं। तुलसीदास जी की चौपाइयां हमारे जीवन के अंधकार को दूर कर उसे प्रकाशमय बनाने की शक्ति रखती हैं। इन चौपाइयों के माध्यम से हम न केवल भगवान राम और उनके दिव्य चरित्र को समझ सकते हैं, बल्कि अपने जीवन के लिए गहन और अमूल्य शिक्षाएं भी प्राप्त कर सकते हैं। आइए, इन चौपाइयों पर एक नजर डालते हैं और उनसे मिलने वाली सीख को समझते हैं।
राम नाम मणि दीप धरु जीह देहरीं द्वार।
तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौ चाहसि उजियार।।
इस चौपाई के माध्यम से तुलसीदास जी राम नाम की महिमा का वर्णन करते हैं। वह कहते हैं कि राम का नाम एक मणि के समान है, जो अंधकार को दूर कर उजाला प्रदान करता है। इसे अपनी वाणी पर दीपक की तरह रखें और यह आपके भीतर और बाहर दोनों स्थानों को प्रकाशमय कर देगा। यह चौपाई हमें सिखाती है कि भगवान के नाम का स्मरण करने से हमारी सोच, हमारे कर्म और हमारी पूरी जीवनशैली सकारात्मक और निर्मल हो जाती है।
सियाराम मय सब जग जानी।
करहूं प्रनाम जोरि जुग पानी।।
इस चौपाई में तुलसीदास जी संसार को भगवान राम और सीता का स्वरूप मानते हैं। इसका अर्थ है कि हर जीव और हर वस्तु में भगवान का अंश है। इस सोच के साथ हमें सभी के प्रति आदर और नम्रता का भाव रखना चाहिए। यह चौपाई हमें सिखाती है कि हर प्राणी में ईश्वर का वास है, और हमें सभी के साथ समानता और प्रेम से व्यवहार करना चाहिए।
बड़े भाग मानुष तन पावा।
सुर दुर्लभ सब ग्रंथहि गावा।।
यह चौपाई मनुष्य जन्म के महत्व को बताती है। तुलसीदास जी कहते हैं कि मनुष्य जन्म अत्यंत भाग्यशाली है, क्योंकि यह जन्म हमें ईश्वर की भक्ति और मोक्ष प्राप्ति का अवसर देता है। यह चौपाई हमें सिखाती है कि जीवन को व्यर्थ न गंवाएं, बल्कि इसे अच्छे कर्मों और भक्ति में लगाएं।
प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्ही।
मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्ही।।
इस चौपाई में भगवान राम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप का वर्णन किया गया है। भगवान राम ने हर परिस्थिति में धर्म और मर्यादा का पालन किया और हमें यह सिखाया कि कठिनाइयों में भी अपने आदर्शों और नैतिकता को नहीं छोड़ना चाहिए।
तुलसीदास जी की चौपाइयां हमें केवल भक्ति के मार्ग पर नहीं ले जातीं, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाती हैं। इनके माध्यम से हम न केवल आध्यात्मिक विकास कर सकते हैं, बल्कि अपने दैनिक जीवन में बेहतर और सकारात्मक बदलाव भी ला सकते हैं।
तो ये हैं रामचरितमानस की चौपाइयां…जिन्हें अगर हम अपने जीवन में आत्मसात करें तो ये हमारे भीतर उजाला कर सकती हैं। यह उजाला न केवल हमारे जीवन को रोशन करेगा, बल्कि हमें हर परिस्थिति में सही मार्ग पर चलने की शक्ति भी देगा।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। क्लि इंडिया मीडिया यहां लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में जो जानकारी दी गई है, वो विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से ली गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। क्लिक इंडिया मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।