Navratri Day 8, 2024 : जानिए मां महागौरी की पूजाविधि और महत्व
नवरात्रि की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है, जिस दिन लोग कन्या पूजन करके कन्याओं को भोज कराते हैं। चैत्र नवरात्रि के आठवां दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है।
पूजन और भोग का महत्व
नवरात्रि के उत्सव के आंठ्वे दिन को माँ महागौरी के नाम से जाना जाता है, जो देवी दुर्गा की आठवीं शक्ति हैं। इस दिन के पूजन और भोग का महत्व अत्यंत उच्च माना जाता है।
माँ महागौरी का स्वरूप
माँ महागौरी का स्वरूप गौर वर्णनीय है, जो सफेद वस्त्रों में विलिप्त हैं। इनके चार हाथों में त्रिशूल, डमरू, अभय मुद्रा और वर मुद्रा हैं। माँ की आयु आठ साल मानी जाती हैं।
माँ महागौरी का भोग
इस दिन माँ महागौरी को नारियल की बर्फी, लड्डू, हलवा, पूरी, और चने का भोग लगाया जाता है। नारियल को माँ का प्रिय भोग माना जाता है।
पूजा की विधि
पूजन की शुरुआत कलश की पूजा से होती है, जिसके बाद माँ दुर्गा की पूजा की जाती है। उन्हें फूल, माला, सिंदूर, कुमकुम, और अक्षत और मिठाई भी चढ़ाएं। पूजा के बाद माँ की आरती की जाती है।
कन्या पूजन
इस दिन कन्या पूजन का विधान है, जो भक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
माँ महागौरी की कथा
धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने हेतु तपस्या की थी, जिससे उनके शरीर का रंग काला हो गया था। भगवान शिव ने उनके शरीर को गंगा-जल से शुद्ध किया था, जिससे उनका स्वरूप अत्यंत सुंदर हो गया था।
वंदना मंत्र
श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।chaitra Chaitra Navratri
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
विधि समापन
नवरात्रि के आंठ्वे दिन का पूजन और भोग अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो भक्तों को माँ की कृपा और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस उत्सव के दौरान भक्त अपनी आस्था और भक्ति का प्रदर्शन करते हैं और माँ दुर्गा की पूजा करते हैं, जो उन्हें सुख, समृद्ध, और सशक्त बनाती हैं।