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BIG NEWS : आध्यात्मिक जड़ों से कटता न्यू जनरेशन पढ़ने लगा है अब हनुमान चालीसा

आज के डिजिटल युग में, हमारी संस्कृति और आध्यात्मिक जड़ें धीरे-धीरे पीछे छूटती जा रही हैं। इस बदलाव के बीच, यदि हम अपने बच्चों को अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जड़ों से जोड़ना चाहते हैं, तो हमें उन्हें फिर से उस मार्ग पर लाना होगा, जो उनकी आत्मा को शांति, शक्ति और आत्मविश्वास दे सके। इन सब के बीच एक बड़ी राहत की बात ये है कि हाल ही में दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले की बात करें या लखनऊ के गोमती पुस्तक मेले की, बच्चों ने हनुमान चालीसा में काफी इंट्रेस्ट दिखाई। बच्चों को एक स्टॉल पर बड़ी साइज में हनुमान चालीसा लेते देखा गया और सबसे बड़ी बात कि वे इस बुक को लेकर काफी खुश नजर आए। सही मायने में देखा जाए तो हनुमान चालीसा, जो हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, बच्चों के जीवन में इस बदलाव को ला सकता है। हनुमान चालीसा सिर्फ एक भक्ति गीत नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन को एक नई दिशा देने वाली शक्ति है।

तो चलिए आज हम हनुमान जी की बचपन की कुछ रोचक और प्रेरणादायक कहानियों को लेकर कुछ सुनते हैं। बच्चों, हनुमान जी भी बचपन में आप बच्चों की तरह ही थे, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत, निष्ठा और भगवान की भक्ति के द्वारा अपने व्यक्तित्व को बहुत शक्तिशाली और प्रभावशाली बनाया। आइए जानते हैं हनुमान जी की कुछ ऐसी ही बाल लीलाओं के बारे में, जो हमें जीवन में अच्छे गुण अपनाने की प्रेरणा देती हैं।

जब सूर्यदेव को ही फल समझ बैठे

हनुमान जी एक समय जब बहुत छोटे थे, तो उस उम्र में वे बहुत ही चंचल थे। एक दिन उन्हें आकाश में सूर्य लाल रंग का चमकता हुआ दिखाई दिया, और उन्हें लगा कि यह कोई बड़ा सा फल है। हनुमान जी ने तुरंत सूर्य को पकड़ने और उसे खाने के लिए कूद पड़े। वे हवा में उड़ते हुए सूर्य के पास पहुंचे और उसे खाने की कोशिश करने लगे। यह देखकर देवता डर गए, क्योंकि सूर्य को खा लेना किसी के लिए भी बहुत खतरनाक हो सकता था।

लेकिन हनुमान जी ने बिना किसी डर के सूर्य को पकड़ लिया था। इस घटना से यह साबित हुआ कि हनुमान जी में बचपन से ही अपार शक्ति थी। हालांकि, भगवान इन्द्र ने अपने वज्र से हनुमान जी को रोकने की कोशिश की, और उनके वज्र से हनुमान जी की ठोड़ी पर चोट आई, जिससे उनका नाम हनुमान पड़ा। हनुमान का अर्थ होता है हनु यानी ठोड़ी और मान यानी सम्मान। इस घटना ने हनुमान जी के साहस और शक्ति को दर्शाया।

इन्द्र के वज्र से हुए घायल

जब हनुमान जी ने सूर्य को खाने की कोशिश की, तो इन्द्रदेव ने उन्हें रोकने के लिए वज्र से प्रहार किया। वज्र के प्रहार से हनुमान जी की ठोड़ी पर चोट लगी, लेकिन यह चोट उन्हें कमजोर नहीं कर पाई। इसके बाद हनुमान जी का नाम हनुमान पड़ा। इस घटना से हमें यह सिखने को मिलता है कि जब हम किसी अच्छे उद्देश्य के लिए संघर्ष करते हैं, तो रास्ते में आने वाली कठिनाइयों से हमें डरना नहीं चाहिए। हनुमान जी ने उस चोट के बावजूद अपनी शक्ति में कोई कमी नहीं आने दी।

बच्चों के लिए शिक्षा

हनुमान जी की बचपन की लीलाओं में एक और महत्वपूर्ण बात है कि वे बचपन में भी आप बच्चों की तरह ही बहुत साहसी थे। वे भी आपलोगों की तरह ही खेलते थे, शरारतें करते थे, और कभी-कभी बिना सोचे-समझे कुछ कर बैठते थे, ठीक वैसे ही जैसे आफ बच्चों के साथ अक्सर होता है। लेकिन हनुमान जी ने हमेशा भगवान की भक्ति और कड़ी मेहनत के द्वारा अपनी शक्तियों को बढ़ाया।

हनुमान जी ने यह सीखा कि अगर हमारी नीयत सही है और हम भगवान की भक्ति करते हैं, तो हमारी ताकत भी बढ़ती है। उन्होंने यह भी समझा कि सिर्फ शारीरिक ताकत से ही नहीं, बल्कि मानसिक ताकत से भी बड़े-बड़े काम किए जा सकते हैं। हनुमान जी की तरह हमें भी अपनी कमजोरियों और गलतियों से सीखकर आगे बढ़ना चाहिए।

हनुमान जी की बाल लीलाओं से हमें यह सीखने को मिलता है कि अगर हम अपनी गलतियों से सीखकर सही रास्ते पर चलने की कोशिश करें, तो हम भी अपने जीवन में सफलता पा सकते हैं। हनुमान जी जैसे महान व्यक्ति के गुणों को अपनाकर हम अपने जीवन को भी और बेहतर बना सकते हैं।

इसलिए, हनुमान जी के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए और अपनी जिंदगी में अच्छे गुणों को आत्मसात करना चाहिए। वे जैसे थे, वैसे ही हमें भी अपनी अच्छाइयों को बढ़ाना चाहिए और हमेशा भगवान की भक्ति में विश्वास रखना चाहिए।

लेकिन फिर सवाल है कि बाजार में तो कई तरह के हनुमान चालीसा हैं तो किसे पढ़ें और कितना समझें, ये बड़ा सवाल है। क्योंकि वीर हनुमान एक ऐसे शानदार और आकर्षक कैरेक्टर हैं कि वे देखने में जितने आकर्षक लगते हैं उतना ही पढ़ने में भी आकर्षक हैं। वैसे तो पढ़ने के लिए बाजार में कई तरह के हनुमान चालीसा उपलब्ध हैं लेकिन हनुमान को देखने का आनंद जो अश्वत्था ट्री पब्लिकेशन के बिग साइज हनुमान चालीसा में है, वो शायद ही कहीं और है।

कॉफी टेबल बुक बोलिये जनाब

अश्वत्था ट्री पब्लिकेशन की हनुमान चालीसा बुक नहीं, बल्कि कॉफी टेबल बुक है। इस पुस्तक में हनुमान चालीसा को एक नए रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो बच्चों के लिए आकर्षक और समझने में आसान है। इस किताब में न केवल हनुमान चालीसा के श्लोक हैं, बल्कि उनकी व्याख्या, चित्रकला और बच्चों की तस्वीरों के साथ प्रेरक एग्जामपल भी हैं जो बच्चों को इससे जुड़ने में मदद करते हैं। किताब का शानदार डिजाइन और रंगीन चित्र इसको और भी दिलचस्प बनाते हैं। यह सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि एक अनुभव है जो बच्चों के दिलो-दिमाग पर गहरा असर डालता है।

इस किताब के माध्यम से बच्चों को हनुमान चालीसा का ज्ञान होता है, जो उन्हें न केवल भक्ति की ओर प्रेरित करता है, बल्कि जीवन में संघर्षों का सामना करने की क्षमता भी देता है। यह किताब बच्चों के मानसिक विकास में सहायक साबित हो सकती है और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।

बेहतरीन गिफ्ट

निश्चित रूप से यह पुस्तक बच्चों और युवा पीढ़ी के बीच खासा लोकप्रिय हो रही है। किसी भी खास अवसर पर, जैसे कि जन्मदिन, तीज-त्योहार, या किसी भी अन्य विशेष दिन पर यह किताब एक आदर्श उपहार हो सकती है। यह न केवल एक भव्य और उपयोगी गिफ्ट है, बल्कि बच्चों को उनके सांस्कृतिक धरोहर से भी जोड़ता है। जब बच्चों को इस किताब के रूप में हनुमान चालीसा का ज्ञान मिलेगा, तो यह उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। इस किताब के माध्यम से वे न सिर्फ भक्ति और संस्कार सीखेंगे, बल्कि यह भी समझ पाएंगे कि जीवन में संघर्षों का सामना किस तरह से किया जाता है।

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Author: PanditJee.com

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